लोकसभा चुनाव होने में अब ज्यादा समय नहीं बचा है और सभी दलों ने अपनी तैयारियों को तेज़ कर दिया है. इसी बीच खबर है कि चंद्रशेखर आज़ाद रावण नगीना से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. चंद्रशेखर के इस ऐलान ने हलचल इसलिए मचा दी क्योंकि 2019 लोकसभा में इस सीट पर बसपा ने जीत हासिल की थी. राजनीति के पंडित चंद्रशेखर के इस ऐलान के तमाम मायने निकाल रहे हैं.

दिसंबर 2023 में चंद्रशेखर के इस ऐलान ने यूपी की सियासत को गरमा दिया। क्योंकि उन्होंने एक बार फिर सीधे तौर पर बसपा को चुनौती दी है. क्योंकि ये बात किसी से छिपी नहीं है कि बसपा प्रमुख मायावती का रुख चन्द्रशेखर आज़ाद के प्रति हमेशा से ही रूखा रहा है, 2019 लोकसभा चुनाव में BSP और SP के बीच गठबंधन था. इस गठबंधन के सहारे ही यूपी वेस्ट की नगीना लोकसभा सीट पर बसपा ने जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार चंद्रशेखर ने इस सीट से अकेले लड़ने का एलान कर दिया है. इसलिए जानकारों का दावा है कि बसपा के लिए इस सीट को अकेले दम पर जीतना चुनौती है।
वहीं 2009 लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट पर सपा ने जीत हासिल की थी जबकि बसपा दूसरे नंबर पर थी. इसके बाद 2014 मोदी लहर में यह सीट भाजपा ने जीती जबकि सपा दूसरे व बसपा तीसरे स्थान पर रही थी।
विधानसभा चुनावों की बात करें तो नगीना लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा मौजूद हैं जिनमें 3 सीट नजीबाबाद, नगीना(sc) और नूरपुर सपा के खाते में हैं और अन्य 2 भाजपा के खाते में है। इस सीट पर सपा का प्रभुत्व रहा है, विधानसभा चुनाव के रिजल्टों के आधार पर पांचों सीटों के वोट शेयर देखें तो पता चलता है कि सपा बसपा से आगे दिखती है, साथ ही मुस्लिम वोटों की संख्या भी नगीना लोकसभा में बेहतर है जिस कारण से सपा के लिए यह सीट बेहतर है।
अब अगर आगामी लोकसभा चुनाव में चन्द्रशेखर आज़ाद सपा से हाथ मिलाकर इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनकर नगीना सीट से चुनाव लड़ते हैं तो 2019 लोकसभा जैसा समीकरण बन सकता है. और सपा के प्रभुत्व के कारण इस सीट पर चन्द्रशेखर आज़ाद के लिए रास्ता थोड़ा आसान हो सकता है। बता दें कि चन्द्रशेखर आज़ाद पिछली बार योगी आदित्यनाथ के सामने चुनाव लड़े और लगभग 7640 वोट ही ला पाए इसपर चन्द्रशेखर आज़ाद ने कहा था कि इस बार हम रिजल्ट से लिए कार्यकर्ताओं की शक्ति लगाना चाहते हैं अर्थात मुकाबला करने के उद्देश्य से चुनाव लड़ने की इच्छा चन्द्रशेखर आज़ाद ने जाहिर की. जिससे साफ है कि वो इस सीट को अपने लिए एक बेहतर विकल्प मान रहे हैं। हालांकि अपने इस ऐलान के बाद वो आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं उनका कहना है कि बसपा की सीट पर ही चुनाव लड़ना क्यों जरूरी है.
अब चंद्रशेखर ने नगीना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान तो कर दिया है. लेकिन देखना होगा कि लोकसभा चुनाव आने तक कितने नए समीकरण बनते हैं और बिगड़ते हैं।