योगी के उत्तरप्रदेश से बजरंग दल के गुंडों की हिम्मत तो देखिए। खुद गोकशी करते हैं और फंसाते हैं मुस्लिम समुदाय के लोगों को. गोकशी के नाम पर मुस्लिम समुदाय को फंसाया जाता है. ये मामला उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद से सामने आया है जहां सिर्फ एक अधिकारी और मुस्लिम समुदाय के एक शख्स को फंसाने के लिए बजरंग दल के गुंडों ने ये पूरा जाल बिछाया। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक कांवड़ पथ पर 16 जनवरी को गोवंशीय पशु के अवशेष मिले थे। इस मामले में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की और जांच शुरू कर दी। लेकिन इसके बाद 28 जनवरी की रात चेतरामपुर गांव के जंगल में फिर से गोकशी की घटना हुई। इस घटना का लाइव वीडियो बनाकर शासन के अधिकारियों के साथ ही डीएम को ट्वीट करके कार्रवाई की मांग की गई थी।
मामले की जांच के लिए एसएसपी ने एसपी देहात संदीप कुमार मीना, सीओ कांठ अंकित तिवारी और छजलैट थाना प्रभारी सतेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में टीम गठित की। पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले चेतरामपुर गांव के निवासी शहाबुद्दीन को गिरफ्तार किया। शहाबुद्दीन ने बताया कि रसूलपुर छज्जूपुर गांव का रहने वाला मोनू विश्नोई जो बजरंग दल का जिला प्रमुख है। कुछ दिन पहले अपने साथी रमन चौधरी, राजीव चौधरी के साथ मिला शहाबुद्दीन से मिलने आया था। इन तीनों आरोपियों ने उससे कहा कहा कि छजलैट थाना प्रभारी उनकी बात नहीं मानते हैं। उन्हें हटाना होगा और उन्हें हटाने के लिए साज़िश रचनी होगी। इसके लिए गोकशी की घटनाएं करनी होंगी। गोकशी का काम दिया शहाबुद्दीन को और इस काम के लिए आरोपियों ने उसे दो हजार रुपये भी दिए। इसके बाद आरोपी शहाबुद्दीन ने अपने साथी नईम को वही रुपये देकर कांवड़ पथ पर गोवंशीय पशु के अवशेष रखवा दिए थे। जांच में ये भी सामने आया कि ये सब लोग मिलकर शहाबुद्दीन के दुश्मन महमूद को जेल भिजवाना चाहते थे। इसलिए गोकशी वाली जगह महमूद का फोटो और नाम छोड़ा था. बाद में इन्हीं अवशेष के आधार पर बजरंग दल के गुंडों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके साथ ही छजलैट थाना प्रभारी को हटाने के लिए भी हंगामा मचाना शुरू कर दिया। जबरदस्त प्रदर्शन के बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो आरोपियों ने दोबारा से साजिश रची।
शहाबुद्दीन ने आगे बताया कि उन्हीं आरोपियों के दुबारा कहने पर उसने 28 जनवरी की रात दूसरे साथी जमशेद के साथ मिलकर पहले एक गाय चोरी की फिर उसे जंगल में जाकर काट दिया। तीनो आरोपियों मोनू, राजीव और रमन ने इसका वीडियो बनाया। यानी वीडियो बनाने के लिए खुद गाय को कटवाया। इसके बाद उस वीडियो को ट्विटर पर डाला और उच्च अधिकारियों को टैग कर के शिकायत की। आरोपियों ने केवल मुरादाबाद पुलिस को छोड़कर सभी अधिकारियों को इस वीडियो में टैग किया। वीडियो सामने आया तो हड़कंप मच गया और पुलिस मामले की जांच में जुट गई. और पुलिस जांच में जो सामने आया उसने तो सभी को हैरान कर दिया। सिर्फ एक थाना प्रभारी को हटाने के लिए इतना गंदा खेल खेला गया. इस एक मामले के ज़रिए बजरंग दल वालों ने थाना प्रभारी को हटाने और मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने की साजिश रची थी. यानी एक तीर से दो निशाने लगाए थे. लेकिन पुलिस ने मामले को सुलझा दिया।
पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। कोर्ट में पेश करने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया। जांच में ये भी सामने आया कि इस पूरे मामले में थाने का दरोगा भी शामिल था. उसकी आरोपियों से साठगांठ थी इसलिए दरोगा को भी सस्पेंड किया गया है। इसके साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। वहीं घटना में शामिल दो आरोपी जमशेद और नईम अभी फरार हैं।इतनी बड़ी साज़िश का पर्दाफाश होने के बाद बजरंग दल के गुंडों की दादागिरी देखिए उन्होंने थाने का घेराव किया। अपने प्रमुख पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया। ये ही नहीं प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस पर ही आरोप लगा दिए कि उसने गलत तरीके से संगठन के पदाधिकारियों को फंसाया है।