बिहार ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है और भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां मोबाइल ऐप के माध्यम से पहली बार मतदान किया गया है। यह तकनीकी पहल नगरपालिका चुनावों से शुरू हुई है, जिसका उद्देश्य मतदान प्रक्रिया को अधिक सुलभ, सुरक्षित और आधुनिक बनाना है।
इस नई व्यवस्था के तहत, मोबाइल ऐप से पहली बार मतदान करने वाली महिला मोतिहारी ज़िले की बीभा कुमारी बनीं, जो इस ऐतिहासिक बदलाव की प्रतीक बन गई हैं।

राज्य के 26 ज़िलों की 42 नगर पालिकाओं में 28 जून को उपचुनाव हुआ, जिसमें 6 नगर पालिकाओं में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ई-वोटिंग कराई गई।
इस प्रणाली की शुरुआत उन मतदाताओं के लिए की गई जो मतदान केंद्र तक पहुंचने में असमर्थ थे। इनमें वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिलाएं, प्रवासी मज़दूर और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग शामिल हैं जहां पारंपरिक मतदान सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक हुआ, वहीं ई-वोटिंग सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक संचालित की गई।
इस प्रक्रिया के तहत मतदान करने के लिए चुनाव आयोग ने दो मोबाइल ऐप लॉन्च किए:
SECBHR ऐप – नगर पालिका आम चुनावों के लिए (C-DAC द्वारा विकसित)
SECBIHAR ऐप – उपचुनावों के लिए (बिहार राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा विकसित)
मतदान के लिए उम्मीदवारों को ऐप पर पूर्व पंजीकरण कराना अनिवार्य था।
इस ई-वोटिंग प्रणाली को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (C-DAC) और बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने मिलकर तैयार किया है। SECBHR ऐप को C-DAC ने, जबकि SECBIHAR ऐप को बिहार निर्वाचन आयोग ने विकसित किया है।
चुनाव आयोग के अनुसार, ई-वोटिंग के लिए 51,155 मतदाताओं ने पंजीकरण कराया था, जिनमें 26,038 पुरुष और 25,117 महिलाएं शामिल थीं। खास बात यह रही कि विदेशों में रह रहे प्रवासी बिहारियों ने भी इस तकनीक के जरिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। दोपहर 1 बजे तक ई-वोटिंग के तहत 80% से अधिक मतदान दर्ज किया गया, जबकि पारंपरिक मतदान में लगभग 35% मतदाता बूथ पर पहुंचे।
गौरतलब है कि राज्य में कुल 136 पदों के लिए नगर निकाय उपचुनाव कराया जा रहा है। इनमें वार्ड पार्षदों के 121, उप मुख्य पार्षदों के 8 और मुख्य पार्षदों के 7 पद शामिल हैं। अब तक 9 प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं, जबकि उच्च न्यायालय के आदेश के चलते 3 पदों पर चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है।