बिहार की राजधानी पटना में हाल ही में कुछ ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं, जिन्होंने पूरे राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। इन पोस्टरों में “बिहार में गुंडा राज” और “कारोबारियों पर कहर” जैसे शब्दों के साथ एनडीए सरकार की विफलता को उजागर किया गया है। पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की तस्वीरें हैं, और उनके इर्द-गिर्द राज्य में हुई हालिया हत्याओं का विवरण दिया गया है।
पोस्टर में गोपाल खेमका (उद्योगपति) की 4 जुलाई को पटना में गोली मारकर हत्या, दीपक शाह (कपड़ा कारोबारी) की 10 जुलाई को मुजफ्फरपुर में हत्या, और विक्रम झा (कृष्णा मार्ट के मालिक) की 13 जुलाई को पटना के रामकृष्णा नगर में हत्या जैसे जघन्य अपराधों का जिक्र है। इसके साथ ही बाबू कारोबारी रमाकांत यादव, सीतामढ़ी के फूड कारोबारी और वकील जितेंद्र मेहता की भी गोली मारकर हत्या का हवाला दिया गया है।
सिर्फ कारोबारी ही नहीं, आम इंसान भी इस हिंसा का शिकार हुए हैं। संतोष राय (शिक्षक) को 13 जुलाई को छपरा में गोली मार दी गई, जबकि सुशीला कुमारी (नर्स) को पीएमसीएच में ड्यूटी से लौटते समय नालंदा में मार दिया गया।
यह पोस्टर किसने लगाए हैं, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन पोस्टर में लिखी गयी भाषा और चित्रण ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है।
विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और अपराधी बेलगाम हो चुके हैं। उधर, प्रशासन की तरफ से अभी तक इस पर कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है।