चुनाव आयोग के वोटर वेरिफिकेशन अभियान के खिलाफ महागठबंधन ने बुधवार को बिहार बंद का ऐलान किया है। राज्य में तमाम विपक्षी दल आयोग के मतदाता विशेष, गहन पुनरीक्षण कार्य के खिलाफ एक मंच पर आ गए हैं। इस बंद को सफल बनाने के लिए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव खुद एक साथ सड़क पर उतरे हैं।
इस बंद का असर राजधानी पटना के अलावा गोपालगंज, दरभंगा, आरा, किशनगंज, सहरसा, और गया समेत कई जिलों में देखा गया। इस चक्का जाम को सफल बनाने के लिए कहीं ट्रेनें रोक दी गईं तो कहीं सड़क पर आगजनी कर आवागमन को बाधित कर दिया गया। सूचना के अनुसार करीब 7 शहरों में ट्रेनें रोकी गयी है और 12 नेशनल हाइवे को जाम किया गया है।
पटना में राहुल और तेजस्वी को एक साथ आज पहली बार प्रदर्शन करते देखा गया। इसके साथ ही पटना के आयकर गोलंबर पर मुकेश साहनी, पप्पू यादव, दीपांकर भट्टाचार्य,सीपीआई नेता डी राजा,कन्हैया कुमार और दीपांकर भट्टाचार्य जैसे दिग्गज नेताओं को एक साथ चुनाव आयोग के इस अभियान के खिलाफ देखा गया।
महाराष्ट्र के बाद अब निशाने पर है बिहार– राहुल गांधी
इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि, “चुनाव आयोग मैं आपको साफ बोल रहा हूं। मैं बिहार और हिन्दुस्तान की जनता को स्पष्ट कह रहा हूं कि महाराष्ट्र का चुनाव चोरी किया गया था और वैसे ही बिहार को चुनाव चोरी करने की कोशिश की जा रही है। उन्हें पता है कि हमने महाराष्ट्र मॉडल समझ लिया इसलिए वे बिहार मॉडल लाए हैं। ये गरीबों की वोट छीनने का तरीका है।बिहार है और बिहार की जनता ये नहीं होने देगी। हमारे लोग चुनाव आयोग से जाकर मिले। मैं नहीं जा पाया था। उन्होंने आकर बताया कि गया इलेक्शन कमीशन बीजेपी और RSS नेताओं की तरह बात कर रहे हैं।वो भूल गए कि वो BJP नेता नहीं हैं। मैं कहता हूं आपको जो करना है करिए, लेकिन बाद में कानून आप पर हावी होगा।”
वहीं, तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला और आयोग को गोदी आयोग बताया। तेजस्वी ने कहा कि, “चुनाव आयोग गोदी आयोग बन गया है। चुनाव आयोग के सहयोग से बीजेपी सरकार पहले गरीबों के वोट काटेगी और फिर उनका राशन-पेंशन और आरक्षण खत्म कर उनके मत का अधिकार भी छिन लेगी। बिहार लोकतंत्र की जननी है। बिहारी ऐसा होने नहीं देंगे। बिहारी गरीब जरूर है लेकिन सजग, सतर्क और संघर्ष के लिए तैयार है।”
राजद नेता तेजस्वी यादव का कहना था कि,क्या अब दो गुजराती ये तय करेंगे कि बिहार में किसे वोट देने का हक है और किसे नहीं? तेजस्वी का आरोप है कि इस प्रक्रिया के ज़रिए गरीब, कमजोर और वंचित तबके के लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिलीभगत और सत्ता की जबरदस्ती करार दिया।
सुरक्षा चाक-चौबंद, प्रदर्शनकारियों को रोकने में पुलिस अलर्ट
बता दें कि बंद के दौरान पटना सहित कई जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही। पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग कर दी थी ताकि हालात नियंत्रण में रहें। हालांकि, कई स्थानों पर प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, जिससे कुछ इलाकों में तनाव की स्थिति बन गई। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़पें भी देखने को