बिहार के पूर्णिया जिले के टेटगामा गांव में रविवार देर रात अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। ग्रामीणों ने महिला को ‘डायन’ बताकर पूरे परिवार पर हमला किया। परिवार के पांच सदस्यों को न केवल उन्हें पीट-पीटकर मारा गया, बल्कि उनके शवों को डीजल डालकर जला दिया गया। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
मृतकों की पहचान बाबूलाल उरांव,पत्नी सीता देवी, मां काटो देवी, बेटा मंजीत उरांव और बहू रानी देवी के रूप में हुई है। परिवार का इकलौता बचा सदस्य 15 वर्षीय बेटा सोनू मौके से अपनी जान बचाकर भागा और अपने नानी के घर पहुंचा। वहां से परिजनों ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी।
घटना का विवरण
पुलिस को दिए गए बयान में पीड़ित सोनू ने बताया कि रविवार रात करीब 11 बजे 40–50 लोगों की भीड़ उनके घर में घुस आई। भीड़ ने सबसे पहले उसकी मां सीता देवी को ‘डायन’ बताकर लाठियों से पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद घर के अन्य सदस्यों पर भी हमला किया गया और सभी को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला गया।
सोनू के अनुसार, “हमले के बाद लोगों ने शवों को घसीटकर लगभग 150–200 मीटर दूर झाड़ियों की ओर ले जाया। मैंने यह सब अपनी आंखों से देखा। इसके बाद मैं किसी तरह वहां से भाग निकला। उसके बाद शवों को कहां और कैसे ठिकाने लगाया गया, यह मैं नहीं देख सका।”
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि इस घटना की सूचना सुबह 5 बजे मिली थी। सूचना मिलते ही पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंचीं। गांव को घेरकर तलाशी अभियान चलाया गया। अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से एक ने स्वीकार किया कि उन्होंने ही शवों को जलाया।फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड की मदद से सबूत जुटाए जा रहे हैं। पुलिस ने एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है।
हत्याकांड का कारण
स्थानीय ग्रामीणों का दावा है कि कुछ दिनों पहले गांव में एक बच्चे की मौत हो गई थी, जिसका कारण उन्होंने “काला जादू” माना। इसके बाद परिवार को निशाना बनाया गया। शुरुआती जांच में पुलिस ने पाया है कि इस हत्या कांड में पूरा गांव शामिल है।