केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने फास्टैग को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिससे देश के टोल सिस्टम में बड़े बदलाव की संभावना और तेज़ हो गई है। गडकरी ने बताया कि आने वाले महीनों में टोल वसूली की मौजूदा प्रणाली को हाईटेक बनाया जाएगा, जिससे यात्रियों को टोल प्लाज़ा पर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इस नई प्रणाली का उद्देश्य टोल प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, तेज़ और यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाना है।
सोशल नेटवर्किंग साइट ‘X’ पर आज किए गए एक पोस्ट में नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि अब फास्टैग के लिए एनुअल पास जारी किया जाएगा। इसकी शुरुआत स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त 2025 से की जाएगी। इस पास के जरिए उपयोगकर्ताओं को साल भर में 3000 रुपये का भुगतान करना होगा। यह पास, एक्टिवेशन की तारीख से अगले 1 साल तक या अधिकतम 200 यात्राओं तक वैध होगा। यानी अगर कोई यूज़र एक साल के भीतर ही 200 यात्राएं पूरी कर लेता है, तो उसे पास को दोबारा रिन्यू कराना होगा।
किन वाहनों के लिए होगा पास मान्य?
गडकरी ने बताया कि, “यह पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (जैसे कार, जीप, वैन आदि) के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है और यह देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करेगा।”
सरकार ने इस योजना को लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। इस पास को एक्टिवेट या रिन्यू कराने के लिए जल्द ही राजमार्ग यात्रा ऐप, NHAI और MoRTH की वेबसाइट्स पर एक विशेष लिंक उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी।
गडकरी ने आगे कहा, “यह नीति 60 किलोमीटर के दायरे में स्थित टोल प्लाज़ाओं को लेकर लंबे समय से उठ रहे मुद्दों का समाधान पेश करेगी और एक ही सुलभ लेनदेन के माध्यम से टोल भुगतान को सुगम बनाएगी।”
सरकार के इस कदम से न केवल टोल प्लाज़ाओं पर वाहनों की वेटिंग टाइम में कमी आएगी, बल्कि आए दिन होने वाले विवादों में भी कमी आने की उम्मीद है।