ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान आज सुबह गुंडिचा मंदिर के समीप भगदड़ मचने से तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और लगभग 50 अन्य घायल हो गए। घायलों में 6 की हालत गंभीर बतायी जा रही है। हादसा सुबह करीब 4 बजे हुआ, जब भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ के दर्शन करने के लिए भारी भीड़ जुटी थी, इसी दौरान भगदड़ मची।
CM की क्षमा याचना
इस हादसे को लेकर CM मोहन चरण माझी ने माफी मांगी है।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “प्रभु जगन्नाथ के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ में हुई भगदड़ के हादसे के लिए, मैं और मेरी सरकार, सभी भक्तों से माफी मांगते हैं।जो भक्त इस हादसे में अपनी जान गंवाए, उनके परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है। हम भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें दुख सहने की शक्ति दे।यह घटना हमारी भयावह चूक है। सुरक्षा व्यवस्था में हुई लापरवाही की तुरंत जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
प्रशासनिक कार्रवाई
वहीं, घटनाक्रम के बाद राज्य सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन और पुलिस अधीक्षक (SP) विनीत अग्रवाल को उनके पदों से हटा दिया। प्रशासन ने चंचल राणा को नया कलेक्टर और पिनाक मिश्रा को SP नियुक्त किया साथ ही पुरी के DCP विश्णु पात्रि और पुलिस कमांडेंट अजय पाधी को निलंबित कर दिया गया।
पीड़ितों को वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹25 लाख प्रति परिवार की अनुदान राशि देने की घोषणा की है। साथ ही, हादसे की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस घटना को “सरकारी अक्षमता” और “भीड़ प्रबंधन विफलता” करार दिया और राज्य सरकार की आलोचना की। वहीं, अन्य विपक्षी दलों ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए और कहा कि धार्मिक महोत्सवों में सुरक्षा कदमों की गंभीर समीक्षा की आवश्यकता है ।