बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष Special Intensive Revision (SIR) पर लगातार सवाल उठा रहा हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया कि यदि SIR में धांधली बनी रहीं, तो महागठबंधन चुनाव का बहिष्कार करने पर विचार कर सकता है।
विपक्ष का कहना है कि SIR के नाम पर फर्जीवाड़े से सब कुछ तैयार कर लिया गया है। तेजस्वी ने मतदाता सूची में भारी भ्रष्टाचार और मनमाने बदलाव का आरोप लगाया।पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग की कार्यशैली पर भी कई गंभीर सवाल उठाए।
- मृत मतदाताओं की संख्या: EC ने कहा कि 18,66,869 मृत मतदातों के नाम हटाए गए। प्रश्न यह है कि यह जानकारी बिना घर जाकर या BLO से सत्यापन के क्यों निर्धारित की गई? क्या ये मृतक पहले से सूची में क्यों बने रहे?
- विधानसभा क्षेत्रांतरण: चार महीनों में 26,01,031 मतदाताओं के ‘दूसरे क्षेत्र’ में ट्रांसफर होने का दावा है। तेजस्वी ने पूछा कि, क्या सच में इतने लोग एक साथ स्थानांतरित हो गए, या यह आंकड़ा मनमाना है?
- दोहरी नामांकन: EC ने बताया कि 7,50,742 लोग दो स्थानों पर पंजीकृत थे, पर क्या हर व्यक्ति को नोटिस भेजा गया, जवाब मांगा गया, या यह प्रक्रिया पारदर्शी थी?
- गायब मतदाता: EC ने कहा कि 52 लाख से अधिक मतदाता अपने पते पर नहीं मिले। क्या इन्हें BLO की अनुपस्थिति में ‘अनुपस्थित’ घोषित करना लोकतंत्र की रक्षा है या चुनावी आंकड़ों को फिर से गढ़ना?
वहीं, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी बीजेपी और EC पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिदुंस्तान में इलेक्शन चोरी किए जा रहे हैं। और इस मुद्दे पर इंडिया गठबंधन चुप नहीं बैठेगा।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि BJP और EC मिलकर लोकतंत्र की सफाई नहीं, विपक्षी मतदाताओं की सफाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता की राय लेने के बाद ही अगला कदम तय किया जाएगा। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी इसे “इलेक्शन चोरी” करार दिया, और कहा कि INDIA गठबंधन इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगा।
वहीं, विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर EC ने कहा कि 98% कार्य अब तक पूरा हो चुका है और सारी जानकारियां घर-घर जाकर सत्यापित की गयी है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से कानूनी और संवैधानिक है।